210 भाग
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हनुमान्-रावण संवाद दोहा : * कपिहि बिलोकि दसानन बिहसा कहि दुर्बाद। सुत बध सुरति कीन्हि पुनि उपजा हृदयँ बिसाद॥20॥ भावार्थ:-हनुमान्जी को देखकर रावण दुर्वचन कहता हुआ खूब हँसा। फिर पुत्र वध ...